बुधवार, 18 अप्रैल 2012

खुले आम खतरे.......

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मऊ में 4 घंटे से ज्यादा चली मुठभेड़, कोतवाल शहीद

सरसेना (मऊ)/अमर उजाला ब्यूरो
Story Update : Thursday, April 19, 2012    12:51 AM
Mau the encounter police killed
जिले के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के मठिया गांव के एक घर में छिपे बदमाशों के साथ बुधवार सुबह चार घंटे से अधिक चली मुठभेड़ में शहर कोतवाल शहीद हो गए, जबकि पुलिस ने भाग रहे दो बदमाशों का पीछाकर मार गिराया।

दोनों बदमाश खुद को बचने के लिए जिस घर में घुसे थे, उस परिवार को बंधक बना लिया और पुलिस पर गोलियां बरसाते रहे। इसी दौरान बदमाशों ने गृहस्वामी की हत्या कर दी। बदमाशों में एक धीरज सिंह कुछ समय पहले गोरखपुर स्टेशन से पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था। दूसरा बदमाश विकास भी गोरखपुर का रहने वाला है।

जानकारी के अनुसार महराजगंज कारागार में निरुद्ध धीरज सिंह पुत्र इंद्रदेव सिंह उर्फ मुख्तार सिंह निवासी मझनपुर, गाजीपुर मार्च में मऊ से पेशी के बाद महराजगंज लौटते समय गोरखपुर स्टेशन से फरार हो गया था। 16 मार्च को एडीजी रेलवे लखनऊ ने उस पर 15 हजार का इनाम घोषित किया था। उसे पकड़ने के लिए कई थानों की पुलिस लगी हुई थी।

बुधवार दिन में दो बजे जैसे ही शहर कोतवाल गोविंद सिंह और एसओजी प्रभारी रामनरेश यादव को सर्विलांस पर सूचना मिली कि धीरज अपने साथी विकास के साथ चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के सरसेना गांव में छिपे हैं, पुलिस मौके पर पहुंच गई। बदमाश बाइक से भागने लगे। पुलिस फिल्मी स्टाइल में बदमाशों के पीछे लग गई। दोनों बदमाश भागते हुए अवस्था इब्राहिम उर्फ मठिया पुरवे गांव में रामजी बरनवाल के घर में घुस गए।

शहर कोतवाल गोविंद सिंह पीछा करते हुए पुलिस टीम के साथ बरनवाल के घर पर पहुंच गए और बदमाशों को बाहर निकालने के लिए ललकारा। इतने में बदमाशों ने मकान मालिक और उनके बच्चों को बंधक बनाकर फायर झोंकना शुुरू कर दिया। इस दौरान गोली लगने से शहर कोतवाल गोविंद सिंह की मौत हो गई, पर सिपाहियों ने मोर्चा संभाले रखा। खबर आला अधिकारियों तक पहुंची तो आसपास के जिलों की फोर्स मौके पर पहुंच गई।

एसपी जोगेंद्र कुमार ने खुद कमान संभाल ली। पांच घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद भाग रहे दोनों बदमाश मार गिराए गए। इससे पहले बदमाशों ने मकान मालिक रामजी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मुठभेड़ में एक सिपाही भी घायल हो गया। बदमाश रामजी के परिवार को बंधक बनाकर घटना को अंजाम दे रहे थे।

शहीद इंस्पेक्टर को सरकार देगी दस लाख
पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में शहीद इंस्पेक्टर गोविंद सिंह को सरकार दस लाख की अनुग्रह राशि देगी। इसके अलावा बदमाशों ने जिस परिवार को बंधक बनाया था, उस परिवार के मुुखिया की मौत हो जाने पर दो लाख की अनुग्रह राशि दी जाएगी। मुठभेड़ में शामिल पुलिस बल को भी सम्मानित किया जाएगा। मऊ केमठिया गांव में पुलिस की एसओजी टीम की बुधवार को बदमाशों से मुठभेड़ हो गई।

बदमाशों ने पास के ही एक घर को बंधक बना लिया था। चार घंटे से अधिक देर तक चली मुठभेड़ में मऊ के सदर कोतवाल गोविन्द सिंह की गोली लगने से मौत हो गई। वहीं बदमाशों ने बंधक परिवार केमुखिया राम जी गुप्ता को भी गोली मार दी। इसकेबाद उनकी भी मौत हो गई। बदमाश इतने दुर्दांत थे कि उन्हें मारने के लिए पुलिस को वाराणसी से स्पेशल कमांडो की टीम भेजनी पड़ी। इसके बाद टीम ने बदमाशों को ढेर कर दिया। बदमाशों की पहचान गोरखपुर के धीरज सिंह और विकास सिंह के रूप में की गई।

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