रविवार, 26 दिसंबर 2010

पांचवी पोस्ट-


तब राजा के पास नहीं थे फोन तक के पैसे!
एंदीमुथु राजा। 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सर्वेसर्वा। संचार मंत्री की कुर्सी गई तो सीबीआई की टीमें दिल्ली से लेकर तमिलनाडू तक छापे मारती नजर आईं। जमकर फायदे बटोरने वाले उनके करीबी दोस्त और रिश्तेदार भी लपेटे में आए। 47 साल के राजा 1996 में पहली बार सांसद बने। दूसरी दफा 1999 में। 
एनडीए के वक्त केंद्र में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री बने। तीसरी बार जीते तो यूपीए सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय मिला, फिर संचार मंत्रालय। चौथी बार चुने जाने पर फिर यही विभाग मिला। नीरा राडिया के टेपों से पता चला कि किस कदर जोड़-तोड़ के बाद संचार मंत्री की कुर्सी हासिल हुई। 

लेकिन जब एक लाख 76 हजार करोड़ के घोटाले की खबरें आईं तो तमिलनाडू के पेरंबलूर के मतदाता हैरत में पड़ गए। उन्हें खूब पता था कि राजनीति में कदम रखने के पहले जब राजा कानून की डिग्री लेकर जिला अदालत में काला कोट पहनकर वकालत के लिए आए थे तो उनकी जेब में खुद के फोन के बिल जमा करने तक के भी पैसे नहीं होते थे।


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