शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2011

सामने आए 18 भारतीय खातेदारों के नाम / 'काले धन वालों' के नाम उजागर


भारतीय रुपया
आरोप है कि कई प्रभावशाली व्यक्तियों के खाते विदेशी बैंकों में हैं
भारत सरकार को बैंक ऑफ़ लिख़टेंश्टाइन में काला धन जमा करने वाले जिन 18 भारतीयों या भारतीय कंपनियों के नाम सौंपे गए थे उनमें से 15 के नाम चर्चित पत्रिका तहलका ने प्रकाशित किए हैं.
जर्मनी के म्यूनिख शहर से 190 किलोमीटर दूर स्थित लिख़टेंश्टाइन में इन खातों के मौजूद होने की बात सामने आई थी.
अठारह मार्च 2009 को जर्मनी ने भारत सरकार को इन लोगों के नाम से संबंधित एक सूची सौंपी थी हालाँकि तहलका पत्रिका के मुताबिक़ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी इस बात को कई बार दोहरा चुके हैं कि इन व्यक्तियों के नाम जनता के सामने उजागर नहीं किए जा सकते.
कथित तौर पर काला धन बाहर के मुल्कों में जमा होने की बात पर भारतीय राजनीति में पिछले कई दिनों से ख़ासी बहस छिड़ी हुई है.
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी और वामपंथी पार्टियों समेत कई विपक्षी दल इस बात पर लगातार बल देते रहे हैं कि इन नामों को जनता के समक्ष उजागर किया जाना चाहिए.

आरोप

भाजपा ने तो सरकार पर ये आरोप तक लगाए हैं कि वो विदेशी बैंकों में जमा भारतीय काले धन को देश वापस लौटाना ही नहीं चाहती.


तहलका पत्रिका के मुताबिक़ जिन 18 लोगों के नामों की सूची जर्मनी की सरकार ने भारत सरकार को सौंपी थी, उनमे से 15 लोगों के नामों को वे छाप रहे हैं और उनेक बारे में तहलका के पास पूरी जानकारी है.

तहलका का ये भी कहना है कि वो अभी इन 15 लोगों के सिर्फ़ नाम भर उजागर कर रही है और उनका पता, टेलिफ़ोन नंबर वगैरह और उनके व्यापार के बारे में वे अभी ज़िक्र नहीं कर रहे हैं.
हालांकि पत्रिका के मुताबिक़ उन्होंने इन सभी व्यक्तियों या कंपनियों से बात करने की भी कोशिश की है और उनकी टिप्पणियों का अभी तहलका को इंतज़ार है.
तहलका के मुताबिक़ भारत सरकार यही कहती रही है कि इस मामले की विस्तृत जांच अभी जारी है, सभी बैंक खातों की जांच चल रही है.
लेकिन पत्रिका ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि इन 15 नामों के बारे में भारत सरकार की जांच लगभग पूरी हो चुकी है और आयकर अधिनियम के तहत इन 15 नामों के ख़िलाफ़ जल्द ही कार्रवाई संभव है.
पत्रिका के मुताबिक़ भारत सरकार के अधिकारियों का ये भी मत है कि इस सूची में जिन लोगों के नाम आ रहे हैं, ये व्यक्ति केवल मोहरे हैं और इनके पीछे दूसरे प्रभावशाली लोग हैं.
(बी बी सी से साभार)

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