सामने आए 18 भारतीय खातेदारों के नाम
Feb 05, 12:32 am
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नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। सुप्रीम कोर्ट से फटकार खाने के बावजूद सरकार विदेशी बैंकों में काला धन छिपाने वाले भारतीयों के नाम दबाए बैठी है। लेकिन, यूरोपीय देश लेचेस्टाइन के एलजीटी बैंक के 18 भारतीय खाताधारकों के नाम मीडिया के हाथ लग गए हैं। पहली दफा सामने आए इन नामों में हालांकि कोई चर्चित भारतीय हस्ती नहीं है।
जर्मनी की सरकार ने दो साल पहले ही इन लोगों के नाम और उनके बैंक खाते का ब्योरा भारत सरकार को सौंप दिया था। जर्मनी से संबंधित दस्तावेज 18 मार्च, 2009 को ही भारत को मिल गए थे। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार यही राग अलापती रही है कि यह सूचना सार्वजनिक नहीं की जा सकती। विपक्षी भाजपा और वामपंथी दल लगातार सरकार से इन नामों को उजागर करने की मांग करते रहे हैं।
बताया जाता है कि ये 18 नाम एलजीटी बैंक के उन 1400 खाताधारकों में शामिल हैं जिनके खातों से संबंधित दस्तावेज बैंक से चोरी हो गए थे। लेचेस्टाइन, स्विटजरलैंड और कैमोन आइलैंड जैसे काले धन की पनाहगाहों में भारतीयों की अरबों-खरबों की काली कमाई जमा है। आर्थिक विश्लेषकों का अनुमान है कि अकेले स्विस बैंकों में ही भारतीयों के 6,500 अरब रुपये जमा हैं। काली कमाई स्विस बैंकों में जमा करने वाले कुछ और भारतीयों के नाम भी जल्द ही सामने आ सकते हैं। पूर्व स्विस बैंकर रुडोल्फ एल्मर ने हाल ही में विकिलीक्स को करीब दो हजार खातों की जानकारी वाली सीडी सौंपी है जिसमें कई खाते भारतीयों के हैं।
काले धन का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। पिछले दिनों मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के अगर-मगर पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था, 'यह साधारण कर चोरी का मामला नहीं है। यह तो राष्ट्रीय संपदा की लूट है। विदेशी बैंकों में भारतीय खातेदारों के नाम उजागर करने में आपको क्या परेशानी है?'
भारतीय खाताधारकों की सूची
1. मनोज धूपलिया
2. रूपल धूपलिया
3. मोहन धूपलिया
4. हसमुख गांधी
5. चिंतन गांधी
6. दिलीप मेहता
7. अरुण मेहता
8. अरुण कोचर
9. गुणवंती मेहता
10. रजनीकांत मेहता
11. प्रबोध मेहता
12. अशोक जयपुरिया
13. राज फाउंडेशन
14. उर्वशी फाउंडेशन
15. अम्ब्रुनोवा ट्रस्ट
[इसके अलावा तीन नाम उन ट्रस्ट के हैं जिनका रजिस्ट्रेशन भारत से बाहर कराया गया है]
काले धन की जन्नत लेचेस्टाइन
स्विटजरलैंड और आस्ट्रिया से घिरा लेचेस्टाइन दुनिया के सबसे छोटे मुल्कों में शामिल है। जर्मन भाषी इस देश की आबादी महज 35 हजार है लेकिन यह दुनिया के सबसे धनी देशों में है। काले धन की जन्नत कहलाने वाला लेचेस्टाइन प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के मामले में दुनिया में दूसरे स्थान पर है।
(दैनिक जागरण से साभार)
काला धन जमा करने वालों का हुआ खुलासा
नई दिल्ली।
Story Update : Saturday, February 05, 2011 1:52 AM
विदेश में जमा काले धन के मामले में शुक्रवार को एक सनसनीखेज खुलासा हुआ। खोजी पत्रिका तहलका ने विदेश में काला धन जमा करने वाले 15 भारतीयों के नाम जारी कर दिए हैं। इनमें तीन ट्रस्ट भी शामिल हैं, जिनका पंजीकरण विदेश में हुआ है। पत्रिका ने यह खुलासा अपने ताजे अंक में किया है। वहीं निजी चैनल हेडलाइंस टुडे ने इन 15 भारतीयों की पहचान भी सार्वजनिक कर दी है। सूची में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की फ्रेंचाइजी टीम कोच्चि के सह-मालिक मेहता बंधु भी शामिल हैं। इसके अनुसार जर्मन सरकार ने लिचटेंस्टीन के एक बैंक एलजीटी में काला धन जमा करने वाले 18 भारतीयों के नामों की सूची और बैंक डिटेल दो साल पहले 18 मार्च 2009 को ही भारतीय सरकार को सौंप दी थी।
केंद्र सरकार नाम खोलने से बचती रही
हालांकि केंद्र सरकार विदेशी बैंकों में काला धन जमा कराने वाले भारतीयों के नामों का खुलासा करने से बचती रही है। सरकार का तर्क है कि बैंक के साथ किए गए करार के तहत इन नामों का खुलासा नहीं किया जा सकता है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को एक सीलबंद लिफाफे में इन लोगों के नाम दिए हैं जो इस मामले में एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है। पत्रिका के जारी ताजा अंक में कहा गया है कि उसके पास उक्त 18 में से 16 नामों की जानकारी है, जिसमें से उसने 15 नामों का खुलासा कर अपनी वेबसाइट पर डाल दिया है। पत्रिका ने यह भी दावा किया है कि उसने विदेश में काला धन जमा करने वाले इन लोगों से बात करने की असफल कोशिश करने के बाद ही इन नामों का खुलासा किया है। तहलका के सूत्रों के अनुसार जिन 15 नामों का उसने खुलासा किया है, उनके खिलाफ जांच लगभग पूरी होने वाली है और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड इनके खिलाफ आयकर अधिनियम के तहत जल्द ही उचित कार्रवाई कर सकता है। सूची में एक बड़ी भारतीय कंपनी के चेयरमैन का नाम भी शामिल है, जिसका खुलासा नहीं किया गया है।
(अमर उजाला से साभार)
सामने आए जर्मनी में काला धन जमा करने वाले भारतीयों के नाम
Source: agency | Last Updated 00:34(05/02/11)
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नई दिल्ली। भारत सरकार को जर्मनी के लिचटेंस्टीन बैंक में काला धन जमा करने वाले भारतीयों के नाम सौंपे गए थे, आज उनका खुलासा हो गया है। यह सूची भारत सरकार को 18 मार्च 2008 को सौंपी गई थी, जिसमें 12 ट्रस्ट और 16 व्यक्तियों के नाम हैं।
हालांकि सरकार ने ये नाम एक लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में दिए थे, लेकिन इनका सार्वजनिक खुलासा नहीं किया था। सरकार ने अदालत में कहा कि इन नामों का खुलासा नहीं किया जा सकता। यह पहला मौका है जब जर्मनी के बैंक ऑफ लिचटेंस्टीन में खाता खुलवाने वालों के नाम सामने आए हैं।
तहलका पत्रिका द्वारा किए गए खुलासे के अनुसार जो ट्रस्ट इसमें शामिल हैं वे हैं अब्रनोवा ट्रस्ट, मार्लिंन मैनेजमेंट साउथ अफ्रीका, मार्निची ट्रस्ट और सोकालो स्टिफटंग। इन चार खातों में 16 भारतीयों के काले धन की जानकारी मिली है। इन लोगों के कुल 52 करोड़ रुपये बैंक में जमा हैं।
इन व्यक्तियों में मनोज धुपेलिया, रूपल धुपेलिया, अंबरीश धुपेलिया, भव्या धुपेलिया, मनोज धुपेलिया, रूपल धुपेलिया, अंबरीश धुपेलिया, भव्या धुपेलिया, हंसमुख गांधी, ईश्वरलाल गांधी, मधु गांधी, चिंतन गांधी, मिराव गांधी, प्रबोध मेहता, कीर्ती लाल मेहता और रश्मिलाल मेहता शामिल हैं।
हालांकि कहा जा रहा है कि ये व्यक्ति केवल मोहरे हैं और इनके पीछे दूसरे प्रभावशाली लोग हैं।
(भास्कर से साभार)
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