नई दिल्ली। | |
Story Update : Wednesday, April 27, 2011 1:43 AM | |
विकिलीक्स के संस्थापक जुलियन असांजे के ताजा बयान से काले धन के मामले में नया विवाद छिड़ सकता है। असांजे ने मंगलवार को कहा कि स्विस बैंक में सबसे अधिक पैसा भारत का है और वह काले धन के इन सौदागरों को बेनकाब करने की तैयारी में हैं। भारत सरकार का रवैया बेहद खराब एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में असांजे ने कहा, ‘स्विस बैंकों में जमा विदेशी धन का सर्वाधिक हिस्सा भारतीय काले धन का है और भारत सरकार का रवैया इस मामले में बेहद खराब है।’ असांजे से जब पूछा गया कि क्या उन्हें स्विस बैंकों के दस्तावेज में किसी भारतीय का नाम दिखा, तो उन्होंने कहा, हां दस्तावेज में भारतीयों के नाम हैं और वह उन्हें प्रकाशित करने जा रहे हैं। सख्त रुख अपनाए भारत सरकार इस संबंध में उन्होंने और ज्यादा टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि आंकड़ों के खुलासे से पहले एक प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है। इस समय काम चल रहा है। असांजे ने भारत सरकार को सलाह दी कि उसे स्विस बैंकों में जमा काले धन को लेकर सख्त रुख अपनाना चाहिए जैसा कि जर्मनी ने अपने नागरिकों के खाते होने का खुलासा होने पर किया है। भारत सरकार द्वारा स्विट्जरलैंड के साथ दोहरे कराधान समझौते का हवाला देकर स्विस बैंक के खाताधारकों के नामों का खुलासा करने से इंकार किए जाने के बारे में असांजे ने कहा कि यह सब बहाना है। उन्होंने कहा कि यदि कोई सरकारी पैसे का गबन कर अपनी कंपनी में लगाता है तो कम से कम भारत के धन का तो नुकसान नहीं होता लेकिन वह काला धन विदेश भेजने पर देश की मुद्रा की कीमत घटती है इससे देश को दोहरा नुकसान होता है। भारतीयों के नामों के खुलासे में विलंब के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने स्विस बैंकों की खतरनाक कार्य प्रणाली का जिक्र किया और कहा कि 17 जनवरी को स्विस बैंकके एक पूर्व कर्मी जूडिथ एल्मर के साथ उन्होंने एक सीडी जारी की थी। उसे वापस पाने के लिए आपराधिक हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। एल्मर के स्वदेश लौटते ही उन्हें जेल में बंद कर दिया गया है। एजेंसी | |
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मंगलवार, 26 अप्रैल 2011
बेनकाब होंगे कालेधन के सौदागर
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